यज्ञोपवीत संस्कार: आध्यात्मिक, स्वास्थ्य और वैज्ञानिक महत्व
जनेऊ को संस्कृत में यज्ञोपवीत कहा जाता है। यह तीन धागों वाला सूत से बना पवित्र धागा है, जिसे व्यक्ति बाएं कंधे के ऊपर तथा दाहिनी भुजा के नीचे पहनता है। अर्थात इसे गले में इस तरह डाला जाता है कि वह बाएं कंधे के ऊपर रहे। जनेऊ के तीन सूत्र-त्रिमूर्ति ब्रह्मा-विष्णु-महेश, देवऋण-पितृऋण-ऋषिऋण, सत्व-रज-तम के…