अवंतिका संस्कार परिवार ने किया तीन दिवसीय गरबा महोत्सव का आयोजन

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उज्जैन। अवंतिका संस्कार परिवार की ओर नव दुर्गोत्सव के तहत तीन दिवसीय गरबा महोत्सव का आयोजन 18 से 20 अक्टूबर तक अथर्व होटल के प्रांगण में किया गया। इस भव्य आयोजन में विभिन्न समूहों ने गरबा नृत्यों की आकर्षक प्रस्तुति दी। समापन पर सहभागिता करने वाले सभी प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया गया। इस आयोजन…

औदीच्य ब्राह्मण समाज के युवाओं का रोजगार सर्वे

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अखिल भारतीय औदीच्य महासभा समाज के युवाओं के लिए विशेष पहल करने जा रही है। इसके तहत रुचि के अनुसार युवाओं को व्यवसाय या नौकरी प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा। कुछ सवालों के जवाब आपको देने हैं, ताकि अपेक्षित सहयोग दिया जा सके। नीचे दी गई लिंक से सर्वे में जानकारी भरकर…

Get Motherless com news Go Ahead She Isn’t Looking! MOTHERLESS.COM

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Some countries and ISPs may try to prevent access to DuckDuckGo’s direct link. Hence, it’s quite useful to be able to connect to its onion link. This is a public domain, where you can talk about anything from crony capitalism and animal liberation to pandemics. Raddle has forums for every subject you want to express…

25+ Key Tips to Overcome Conflict Avoidance in Relationships

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When conflict is all about criticism and pointing fingers, it usually isn’t productive. When both partners share openly, even difficult moments can bring deeper understanding and lasting peace. True harmony isn’t about pretending everything is fine; it’s about feeling safe to be real. Reflect on the consequences of avoiding conflict When you’re avoiding real conversations,…

अखिल भारतीय औदीच्य महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हुए महत्‍वपूर्ण निर्णय

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देशभर से जुटे 550 अधिक समाजजन ओंकारेश्वर धर्मशाला और इंदौर के पंडित मुकुंदराम त्रिवेदी छात्रावास परिसर में नव निर्माण महासभा और औदीच्‍य बंधु के नए सदस्यों को लेकर नए निर्णय महासभा के विभिन्न ट्रस्ट में नए ट्रस्टियों पर भी कार्यकारिणी की स्वीकृति    ओंकारेश्वर। अखिल भारतीय औदीच्य महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 19 जुलाई…

यज्ञोपवीत संस्कार: आध्यात्मिक, स्वास्थ्य और वैज्ञानिक महत्व

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जनेऊ को संस्कृत में यज्ञोपवीत कहा जाता है। यह तीन धागों वाला सूत से बना पवित्र धागा है, जिसे व्यक्ति बाएं कंधे के ऊपर तथा दाहिनी भुजा के नीचे पहनता है। अर्थात इसे गले में इस तरह डाला जाता है कि वह बाएं कंधे के ऊपर रहे। जनेऊ के तीन सूत्र-त्रिमूर्ति ब्रह्मा-विष्णु-महेश, देवऋण-पितृऋण-ऋषिऋण, सत्व-रज-तम के…