इंदौर। पार्थ उपाध्याय हैं तो 14 वर्ष के, लेकिन उनके ज्ञान का स्तर अपने से आयु में कहीं बड़े व्यक्ति से अधिक है। पौराणिक ग्रंथों को इतनी कम आयु में न केवल समझना बल्कि आत्मसात कर लेने वाले पार्थ के आचरण से यह स्पष्ट पता चल जाता है। शो के दौरान उन्होंने सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के सामने रामायण के सुंदर कांड और युद्ध कांड का पाठ प्रस्तुत करने से पूर्व अपने जूते उतार दिए थे। उनके ऐसा करने पर दर्शकों ने तालियों बजाकर उनका अभिनंदन किया।
पार्थ उपाध्याय हाल ही में जूनियर केबीसी (कौन बनेगा करोड़पति) की हाट सीट पर सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के सामने बैठने का गौरव प्राप्त कर चुके हैं। केबीसी के 16 वें सीजन में प्रश्नों के सही-सही जवाब देकर उन्होंने 25 लाख पॉइंट जीते। वे जब 18 वर्ष के हो जाएंगे, तब यह राशि उनके खाते में जमा होगी। केबीसी शो के दौरान पार्थ ने अमिताभ बच्चन को उनके पिता हरिवंश राय बच्चन के मित्र और महान कवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता भी सुनाई। वीर रस की उक्त कविता बिना किसी गलती के पूरे आत्मविश्वास से सुनाने पर अमिताभ बच्चन और दर्शक मंत्र मुग्ध हो गए। उन्होंने जी खोल कर पार्थ की प्रशंसा की।
पढ़ाई में होशियार
केबीसी शो के लिए पार्थ का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हुआ था। इसके लिए देशभर के 20 विद्यार्थियों का चयन किया गया था। ऑडिशन के बाद दस बच्चों का चयन हुआ, इनमें इंदौर के पार्थ उपाध्याय भी शामिल थे। वे न केवल हॉट सीट तक पहुंचे बल्कि उन्होंने कठिन सवालों के जवाब भी पूरे आत्मविश्वास के साथ दिए। पार्थ पढ़ाई में तो होशियार है ही, परीक्षाओं में हमेशा अव्वल रहते हैं, उन्हें पौराणिक कथाओं में भी काफी दिलचस्पी है और इसी वजह से इस बारे में अच्छी-खासी जानकारी रखते हैं। रामायण, महाभारत के अलावा कविताओं में भी पार्थ की रुचि है। वेद-पुराण और पौराणिक कथाओं के पात्रों के बारे में उन्हें अच्छी समझ है। इसका प्रदर्शन उन्होंने केबीसी में किया भी। पार्थ पारम्परिक खेल मलखंभ में अपने विद्यालय का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
अमिताभ का आकर्षक व्यक्तित्व
पार्थ भी अपनी इस उपलब्धि से खुश हैं। वे कहते हैं अमिताभ जी से मिलना सपने के पूरा होने जैसा अनुभव था। उनका आकर्षक व्यक्तित्व सामने हाट सीट पर बैठे व्यक्ति को मंत्रमुग्ध कर देता है। उनका कहना है कि आगे चलकर वे परिवार और देश का नाम रोशन करना चाहते हैं। पार्थ के पिता अमित उपाध्याय कहते हैं कि बेटे पार्थ का चयन हमारे लिए खुशी का ऐसा विशेष अवसर था, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।
मूल रूप से राजस्थान के
औदीच्य ब्राह्मण समाज के पार्थ उपाध्याय महावीर नगर, इंदौर के निवासी अभिभाषक अमित उपाध्याय और गरिमा उपाध्याय के होनहार बेटे हैं। उपाध्याय परिवार मूल रूप से बांसवाड़ा, राजस्थान का रहने वाला है। पार्थ के दादाजी श्री कृष्णकांत जी उपाध्याय औदीच्य ब्राह्मण समाज, बांसवाड़ा-डूंगरपुर के पूर्व अध्यक्ष हैं।
स्वागत-सत्कार
पार्थ के विजेता के रूप में इंदौर लौटने पर देवी अहिल्या बाई होल्कर हवाई अड्डे पर इंडिगो एयर लाइंस की ओर से उनकी अगवानी की गई। यंग थिंकर फोरम ने उन्हें यंग अचीवर अवॉर्ड से सम्मानित किया। औदीच्य ब्राह्मण समाज की ओर से भी 26 जनवरी को उन्हें सम्मानित किया गया।