श्री राजेंद्र जी जोशी का श्रीजीशरण
इंदौर। श्री सुरेश, श्री दिनेश, श्री गिरीश, श्री संतोष (प्रहलाद), श्री नरेन्द्र (बबलू) जोशी के भाई, रवि, भानु, कपिलेश, सुयश, संदीप, कुलदीप, जयदीप के ताऊजी तथा अद्वित और प्रिशा के दादाजी, गौरव, भावना, रानू के पिताजी श्री राजेंद्र जी जोशी का स्वर्गवास बुधवार 17 सितंबर 2025 को हो गया है। अंतिम संस्कार 18 सितंबर 2025 को मालवा मिल मुक्तिधाम पर किया गया। सभी उपस्थितों ने मृतात्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
श्री विवेक जी त्रिवेदी का देवलोकगमन
इंदौर। स्व.श्री भगवती प्रसाद जी के ज्येष्ठ सुपुत्र, विश्वास के बड़े भाई और आनंद के पूज्य पिता श्री विवेक जी त्रिवेदी का आकस्मिक स्वर्गवास हो गया है। अंतिम यात्रा रविवार, 4 मई को प्रातः 10.30 बजे निज निवास 1561-डी, सुदामा नगर, इंदौर से निकलेगी। अंतिम संस्कार पचकुइया मुक्तिधाम, इंदौर पर होगा।
श्री गोवर्धनलाल जी अवस्थी का देवलोक गमन
नागदा। श्री देवीलाल अवस्थी के अनुज, महेंद्र एवं नरेन्द्र के पूज्य पिता श्री एवं सर्वेश के दादा जी श्री गोवर्धनलाल जी अवस्थी का देवलोक गमन हो गया है। अंतिम यात्रा शनिवार 19 अप्रैल को निज निवास 119/3, ओझा कॉलोनी, नागदा से दोपहर 2 बजे निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में समाज जन और गणमान्य नागरिक सम्मिलित हुए। मुक्तिधाम पर अंतिम संस्कार के बाद सभी उपस्थितों ने मृतात्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
प्रतिभाशाली युवा श्री शैलेशजी पंड्या का आकस्मिक
स्वर्गवास परिवार और समाज के लिए बड़ी क्षति
उज्जैन। मप्र की बड़नगर तहसील के ग्राम ब्राह्मण बरोदा के ख्यातलब्ध परिवार, सुप्रसिद्व समाजसेवी स्व.पटेल अमरसिंहजी पंड्या के पौत्र, बड़नगर औदीच्य ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष पटेल भेरूलालजी पंड्या के सबसे छोटे पुत्र एवं अक्षरा और सारा के पिता श्री शैलेशजी पंड्या का युवावस्था में आकस्मिक दुखद निधन केवल पंड्या परिवार बल्कि बड़नगर तहसील के राजनीतिक जगत और औदीच्य समाज की भी अपूरणीय क्षति है। भाई शैलेष करीब 6 फुट कदकाठी कसरती शरीर वाले आकर्षक व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने अपने दादाजी से स्पष्टवादिता और न्यायप्रियता, अपने पिताजी से सरलता और समाजसेवा, बड़े काका साहब पटेल विष्णुप्रसादजी पंड्या से दबंगता और साहसिकता का पाठ सीखा था, वहीं छोटे काका साहब वरिष्ठ भाजपा नेता पटेल रामप्रसादजी पंड्या (जिला पंचायत सदस्य) की अंगुली थामकर राजनीति की कठोर डगर पर कदम से कदम मिलाकर कुशलतापूर्वक चलना सीखा और राजनीति के क्षेत्र में भी अपनी एक अलग लोकप्रिय पहचान बनाई। इन कुशल शिल्पकारो की छैनी ने तराशकर हर परिस्थिति में संयत रहकर चेहरे पर सबको लुभाने वाली अविरल मुस्कान बिखेरने वाले आकर्षक व्यक्तित्व को गढ़ा। भाई शैलेश बचपन से ही ऊर्जावान, उत्साही, उत्सवी और सबके मददगार रहे। वे जितने सहज-सरल थे उतने ही साहसी और दबंग भी थे। अपने शैक्षणिक काल में आपने बड़े उमंग और उत्साह से हर खेल प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेकर अनेक पुरस्कार जीते। युवावस्था में आपने एक प्रगतिशील प्रयोगधर्मी किसान के रूप में अपनी पहचान बनाई और कई नवाचार और प्रयोग कर खेती को व्यवसायिकता प्रदान कर दूसरे किसानो को भी प्रोत्साहित किया और खेती को मुनाफे का धंधा साबित किया। भाई शैलेश ने कुछ समय गुजरात की एक प्रसिद्व दवा कंपनी में सफलतापूर्वक मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव पद को भी सुशोभित किया। यहां रहकर भी आपने समाज के जरूरतमंदों को निशुल्क दवाई और विभिन्न चिकित्सा सहायता प्रदान कर गंभीर रोग से पीड़ित समाज के कमजोर वर्ग और वरिष्ठजनों की भरपूर मदद कर अपने करुणामय स्वभाव से समाज सिंचित किया। ऐसे प्रतिभावान युवा का 44 वर्ष की आयु में यूं अचानक असमय चला जाना पंड्या परिवार और औदीच्य ब्राह्मण समाज की अपूरणीय क्षति है, जिसकी भरपाई होना असंभव है। परमात्मा इस दिव्य पुण्यात्मा को शांति, सद्गति और मोक्ष प्रदान करे।
-प्रकाश पाण्डे
उज्जैन
पंडित मदनलाल शिकारी जी का देवलोक गमन
रतलाम। स्व. पंडित लक्ष्मी नारायण जी शिकारी (खोखरा) व स्व. पंडित वासुदेव जी शिकारी के अनुज एवं पंडित प्रेमशंकर शिकारी के बड़े भाई पंडित मदनलाल शिकारी जी का देवलोक गमन 06 मार्च 2025 को हो गया है। आप पंडित प्रदीप शिकारी के पूज्य पिताजी एवं आराध्य व सानिध्य के दादा जी थे। मोक्षधाम यात्रा 7 मार्च को सुबह 9 बजे निज निवास ग्राम खोखरा, जिला व तहसील रतलाम से निकाली जाएगी।
श्री वासुदेव जी रावल का श्रीजी शरण
इंदौर। डॉ. सचिन रावल, गौरव रावल के पिता एवं सर्वज्ञ रावल के दादाजी श्री वासुदेव जी रावल का श्रीजी शरण हो गया है। ब्राह्मण समाज के अग्रणी श्री रावल सेवानिवृत्त पुलिस उप अधीक्षक थे। अंतिम यात्रा 5 मार्च 2025 को निज निवास 15, विद्या नगर, इंदौर से निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में समाज जन और अधिकारी शामिल हुए। अंतिम संस्कार रीजनल पार्क मुक्तिधाम में हुआ। अंतिम संस्कार के बाद उपस्थितों ने मृतात्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
श्रीमती कमला पंड्या का स्वर्गवास
ब्रजेश कुमार पंड्या एडवोकेट, अनिल पंडया, श्रीमती वंदना जोशी की पूज्य माताजी एवं प्रांजलि, प्रशमा एवं गौरा की दादीजी श्रीमती कमला पंड्या (धर्मपत्नी स्वर्गीय श्री मोहनभाई पंड्या) का स्वर्गवास 8 दिसंबर 24 को हो गया है। अंतिम यात्रा रविवार, 8 दिसंबर 24 को बैंक ब्रिलियंट कन्वेंशन ब्रांच के पास इंदौर से सयाजी मुक्तिधाम जाएगी।
शोकाकुल- पंड्या परिवार
98272-83895, 98934-72692
पंडित श्री रमेशचंद्र जी मेहता का स्वर्गवास
नागदा जंक्शन। स्व. पंडित मदनलाल जी शर्मा (मदन महाराज जी) के ज्येष्ठ पुत्र, स्व. महेशजी मेहता, अखिलेश मेहता के बड़े भाई, नीलेश मेहता, देवेश मेहता के पूज्य पिताजी, संजय मेहता और देवेश मेहता के बड़े पापा पंडित श्री रमेशचंद्र जी मेहता का स्वर्गवास 30 नवंबर 24 को हो गया है। अंतिम यात्रा दोपहर 2-2.30 पर निवास चंद्रशेखर आजाद मार्ग से निकाली जाएगी।
श्रीमती राजकुंवर बाई त्रिवेदी का गोलोकवास
सैलाना। स्व. पं. अवन्तीलालजी त्रिवेदी (केदारेश्वर पुजारी) की धर्मपत्नी, स्व. पं. मणिशंकरजी त्रिवेदी, स्व. पं. कैलाशचन्द्रजी त्रिवेदी, पं. श्री ईश्वरलालजी त्रिवेदी की भाभी सा., पं. श्री मोहनलालजी त्रिवेदी, पं. श्री राधेश्यामजी त्रिवेदी, पं. बलरामजी त्रिवेदी, पं. ऎश्वर्यजी त्रिवेदी, पं. श्री जयप्रकाशजी (राजु) त्रिवेदी, पं. अश्विनजी त्रिवेदी की ज्येष्ठ मातुश्री श्रीमती राजकुंवर बाई त्रिवेदी का गोलोकवास 29 नवंबर 24 को हो गया है। अंतिम यात्रा शनिवार 30 नवंबर 24 को निज निवास दर्जी धर्मशाला के पास, नालारोड़, सैलाना, जिला-रतलाम म.प्र. से निकाली गई, जिसमे बड़ी संख्या में समाज जन और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। अंतिम संस्कार सैलाना मुक्तिधाम पर किया गया।
श्रीमती कमलाबाई मेहता की स्मृति में धार्मिक-सामाजिक
संस्थाओं को प्रदान की 6 लाख रुपए से अधिक की दानराशि
ग्राम असावदा (बड़नगर)। स्व.श्री भंवरलाल जी मेहता की धर्मपत्नी श्रीमती कमलाबाई मेहता का 94 वर्ष की आयु में श्रीजी शरण हो गया है। श्रीमती कमलाबाई का जन्म ग्राम सरसाना में श्री देवराम जी व्यास के यहां हुआ। आप छह भाई-बहनों में सबसे बड़ी थीं। आपका विवाह ग्राम असावदा में जागीरदार नानूराम जी मेहता के सुपुत्र श्री भंवरलाल जी मेहता से हुआ। आध्यात्मिक प्रवृत्ति की धर्मप्राण महिला स्व.श्रीमती कमलाबाई का जीवन नई पीढ़ी के लिए प्रेरणादायी रहा है। गांव के हर घर में आपका संपर्क रहा, इसी वजह से हर परिवार में आपके प्रति आदर और श्रद्धा का भाव है। श्रीमती कमलाबाई अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ गई हैं जिसमें दो पुत्रियां छगनबाई, कौशल्या बाई, चार पुत्र राजेन्द्र मेहता, लालसिंह मेहता, ईश्वरलाल मेहता और रामेश्वर मेहता, आठ पौत्र-पौत्रियां शैलेन्द्र, संदीप, दिव्या, अंजली, जयश्री, अनिरुद्ध, जागृति और हर्ष मेहता, पड़पौत्र एकाश मेहता हैं। आपके देहावसान पर समाज, जिले और देशभर से शोक संवेदना संदेश प्राप्त हुए हैं।
17 अक्टूबर 24 को हुई पगड़ी रस्म में चारों पुत्रों ने धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं को दान राशि भेंट की है। दान राशि का विवरण इस प्रकार है- श्री शिव मंदिर असावता के नवनिर्माण हेतु 2 लाख 51 हजार रुपए, श्री बालाजी नवयुवक मंडल असावता को 11 हजार रुपए, श्री चिंतामण धर्मशाला, उज्जैन को 21 हजार रुपए, ओंकारेश्वर धर्मशाला को 11 हजार रुपए, बड़नगर धर्मशाला को 11 हजार रुपए, घटिया धर्मशाला को 1100 रुपए, महिदपुर धर्मशाला को 1100 रुपए, तराना धर्मशाला को 1100 रुपए, रेवती धर्मशाला को 1100 रुपए, देवास धर्मशाला को 1100 रुपए, नागदा धर्मशाला को 1100 रुपए, बघेरा धर्मशाला को 1100 रुपए, गोपाल गौशाला बड़नगर को 1100 रुपए, जलोदिया गौशाला 1100 रुपए, सुकलाना गौशाला 1100 रुपए, मौलाना गौशाला 1100 रुपए, दुनालजा गौशाला 1100 रुपए, गौतमपुरा गौशाला 1100 रुपए, निम्बोदा गौशाला 1100 रुपए, गीता भवन बड़नगर 5100 रुपए, सावर्जनिक भगवत महिला मंडल असावता 5100 रुपए, औदीच्य बंधु इंदौर 1500 रुपए, सामाजिक पत्रिका देवास 500 रुपए, परशुराम दर्पण पत्रिका 500 रुपए, ब्रह्मदिशा पत्रिका 500 रुपए। इसके अलावा बहनों में श्रीमती छगनबाई प्रकाश जी जोशी एक लाख रुपए, श्रीमती कौशल्याबाई ठा.चन्दरसिंह जी पंड्या एक लाख रुपए, भानेज श्रीमती सुनीता संजय जी जोशी 11 हजार रुपए, श्रीमती बबीता संजय जी दवे 11 हजार रुपए, बेटियां श्रीमती दिव्या रविकांत जी पंड्या 11 हजार रुपए, श्रीमती अंजली अजय जी पंड्या 11 हजार रुपए, श्रीमती जयश्री धर्मेन्द्र जी जोशी 11 हजार रुपए, श्रीमती जागृति वीरेन्द्र जी शर्मा 11 हजार रुपए और श्री राजेश जी शर्मा असावता को 2100 रुपए सहित 21 पद भी भेंट किए गए। कुल दानराशि 6 लाख रुपए से अधिक है।
श्रीमती सरेकुंवरबाई पंड्या का स्वर्गवास
तहसील बड़नगर के ग्राम सुंदराबाद निवासी स्व. ठाकुर सत्यनारायण जी की धर्मपत्नी
एवं अरविंद सिंह पंड्या, प्रेमकिशोर पंडया की पूज्य माताजी, सचिन, मंगलेश और हर्ष की दादीजी एवं प्रांशुल, अंशुल की परददादीजी श्रीमती सरेकुंवरबाई पंड्या का 80 वर्ष की आयु
में 20 अक्टूबर को स्वर्गवास हो गया। श्रीमती पंड्या धार्मिक वृत्ति की मिलनसार, हंसमुख
परिवार तथा सामाजिक कार्यों में सदैव अग्रणी रहने वाली धर्मप्राण महिला थी। 4 नवंबर को रस्म के अवसर पर आयोजित शोकसभा को प्रो. देवीलाल अवस्थी और भूपेंद्र पंड्या आदि समाज जनों ने श्रीमती संबोधित किया और श्रीमती पंड्या के व्यक्तित्व एवं कृतीत्व पर प्रकाश डाला। दोनों पुत्रों ने मातृ स्मृति में ओंकारेश्वर, चिंतामण, बड़नगर, महिदपुर, तराना, घटिया और रेवती की सामाजिक धर्मशाला तथा देवरूंडी गौशाला, सुंदराबाद के अंबे माता मंदिर को कुल 9000 रुपए की सहयोग राशि प्रदान की। उपस्थित लोगों ने सामूहिक श्रद्धांजलि अर्पित की। सभा का संचालन घनश्याम पाठक ने किया।
-बीएल शर्मा, तराना-उज्जैन
श्री महेशचंद्र रावल का श्रीजी शरण
तहसील तराना के ग्राम रूपाखेड़ी के प्रतिष्ठित रावल परिवार के स्व. दामोदर जी रावल के सुपुत्र, दिनेश चंद्र, तुकाराम और विनोद के भ्राता एवं हिमांशु के काका तथा मनीष के पूज्यनीय पिताजी महेशचंद्र रावल का 50 वर्ष की 07 अक्टूबर 24 आयु में हृदयाघात से देहांत हो गया । श्री रावल की हंसमुख, निडर, कर्मठ और क्षेत्र में लोकप्रिय व्यक्ति के रूप में पहचान थी। आप रूपाखेड़ी प्रियदर्शनी हायर सेकंडरी स्कूल में क्लर्क के पद पर कार्यरत थे। 19 अक्टूबर को पगड़ी रस्म में पर आयोजित शोकसभा को रमेश पण्डया, कैलाश रावल, प्रो बीएल शर्मा, कैलाश पांडे, भगवती जोशी, भागवताचार्य अर्जुन गौतम, संस्था के प्राचार्य दिलीप नागर, घनश्याम जोशी, अर्जुन शर्मा और सुनील भट्ट आदि ने संबोधित किया तथा परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की। अनुज विनोद रावल के स्वास्थ्य लाभ हेतु महामृत्युंजय का सामूहिक जप किया। इस अवसर पर स्व.रावल की स्मृति में रावल परिवार ने ब्राह्मणी माता मंदिर को वाटर कूलर भेंट किया। अंत में दो मिनट का मौन रखकर उपस्थित लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। सभा का संचालन कवि भरत पंड्या ने किया।
पं. श्री ओंकारलाल जी शर्मा का देवलोक गमन
धार। औदीच्य ब्राह्मण समाज के प्रतिष्ठित श्री ओंकारलाल जी शर्मा का बुधवार 07 अगस्त 2024 को देवलोक गमन हो गया। आप 82 वर्ष के थे। स्व.श्री शर्मा का पूरा जीवन छात्रों के के लिए समर्पित रहा। आपने जीवन में सदैव सदाचार, अनुशासन और संयम आदि नियमों का पालन। आपका जन्म 2 अक्टूबर 1942 को ग्राम भरावदा, जिला धार के ब्राह्मण परिवार में हुआ। आरंभ से ही पूजा-पाठ तथा धार्मिक कार्यों रुचि होने से उन्होंने कर्मकांडी में पूरा जीवन समर्पित किया। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर आपने मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण किया। कुछ समय क्रमांक 02 स्कूल में काम कर अपनी पढ़ाई पूर्ण की। बी.ए उत्तीर्ण कर अध्यापक की नौकरी प्राप्त की और शिक्षा विभाग में अपनी सेवाएं रानीखेड़ी से पूर्ण कर सेवानिवृत्त हुए। स्काउट-गाइड, संगीत (गायन और वादन) में भी उनकी गहरी रुचि थी। जीवन में परिवार और समाज के लिए अनेक कार्य कर ख्याति अर्जित की। कैंसर जैसी भयानक बीमारी को मात दे कर मिसाल कायम की। श्री ओंकारलाल जी शर्मा जीवनभर ईमानदारी की मिसाल और जरूरतमंदों के मददगार रहे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।
श्रीमती धापूभाई शर्मा (ठक्कर) का श्रीजी शरण
देवलाविहार (शाजापुर) । पं.श्री हरिनारायण शर्मा (ठक्कर) की धर्मपत्नी, पं.नंदकिशोर, पं.मनोहरलाल, पं.अशोक और पं.बालकृष्ण की पूज्य माताजी श्रीमती धापूबाई शर्मा (ठक्कर) का श्रीजी शरण हो गया। आप पं. राजेन्द्र, पं. राघवेन्द्र, पं. ओमप्रकाश, पं.गोपलाकृष्ण की काकीजी और सुनील, संजय, अश्विन, स्वतंत्र, विकेंद्र, लोकेन्द्र, दीपक, सौरभ, नैतिक, प्रणव, वैदिक, कृष्णा, आराध्य, मनस्वी की दादीजी थीं। स्व. श्रीमती धापूभाई अत्यंत मिलनसार, व्यवहारिक तथा हंसमुख स्वभाव की धार्मिक महिला थीं। अंतिम यात्रा देवलाविहार स्थित निवास से निकाली गई, जिसमे बड़ी संख्या में समाजजन और गणमान्य नागरिक शामिल हुए। कालीसिंध नदी के तट पर अंतिम संस्कार के बाद दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई और मृतात्मा की शान्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई।
-पं.राजेन्द्र शर्मा
श्रीमती गीताबाई दवे का देहावसान
ग्राम सामानेरा। ग्राम सामानेरा (तह.तराना) निवासी स्व. मोहनलालजी दवे की धर्मपत्नी, स्व.पुरुषोत्तम, राजाराम, ईश्वरलाल की पूज्य मातुश्री, कमलेश, कमलकांत, मुकेश, संजय, तिलक व प्रकाश की दादीजी तथा कुलदीप, अंकित, कपिल, शुभम, भव्य और नव्यांश की परदादीजी श्रीमती गीताबाई दवे का 95 वर्ष की आयु में 24 जुलाई को स्वर्गवास हो गया । वे हंसमुख और सरल स्वभाव के साथ धार्मिक प्रवृति की महिला थीं । पगड़ी रस्म में मातुश्री की स्मृति में दवे परिवार ने उज्जैन, घटिया, बड़नगर, तराना, महिदपुर और ओंकारेश्वर धर्मशालाओं को 1000-1000 रुपए, गांव के श्री राम और देवनारायण मंदिर को 1000-1000 रुपए सहित कुल 12000 रुपए की राशि दान की। श्रद्धांजलि सभा को रमेश पंड्या, सिद्धार्थ रावल, अंतर सिंह पंड्या, मदन सांखला, प्रो. बीएल शर्मा, डॉ रावल बाबा, जे पी त्रिवेदी एडवोकेट, इंद्रपाल सिंह पंड्या और पप्पू सिंह चंद्रावत ने संबोधित किया। अंत में उपस्थितों ने सामूहिक श्रद्धांजलि अर्पित की। सभा संचालन भरत पंड्या ने किया ।
श्रीमती यशोदा जोशी जी का देवलोक गमन
देवास । स्व.जमनालाल जी जोशी (लसूड़िया छत्रधार) की बड़ी पुत्र वधु, श्री संतोष जी जोशी की धर्मपत्नी, ईश्वरलाल जी, हरिनारायण जी की भाभी एवं नीतीश जोशी की मां श्रीमती यशोदा जोशी जी का देवलोक गमन हो गया है । अंतिम यात्रा निज निवास विवेकानंद नगर, मोती बंगला से निकली, जिसमे बड़ी संख्या में समाजजन और गणमान्य नागरिक शामिल हुए । मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार के बाद सभी उपस्थितों ने मृतात्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
श्रीमती मनोरमा जोशी जी का देवलोक गमन
इंदौर। स्व. राधाकृष्ण जोशी की धर्मपत्नी और श्री जी.एस. जोशी की माताजी श्रीमती मनोरमा जोशी का निधन हो गया है। आप अमित और अंकित की दादी जी थीं। अंतिम यात्रा
155, स्कीम नं 54, विजय नगर इंदौर से निकाली गई, जिसमे बड़ी संख्या में समाज जन और गणमान्य नागरिक शामिल थे। मुक्ति धाम पर अंतिम संस्कार के बाद सभी उपस्थितों ने मृतात्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
श्री सौम्य जोशी जी का देवलोक गमन
इंदौर। सिद्धांतजोशी के पिताजी एवं मीनू जोशी के पति श्री सोम्य जोशी जी का आकस्मिक स्वर्गवास 30 अगस्त 2024 को हो गया है। शव यात्रा 31 अगस्त 2024 को सुबह 11 बजे 1, गंगादेवी नगर, विजय नगर पेट्रोल पंप के पास से निकली, जिसमे बड़ी संख्या में समाज जन और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। होटल सयाजी के पास स्थित मुक्तिधाम पर अंतिम संस्कार के बाद उपस्थितों ने मृतात्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
पटेल श्री भेरूलाल जी शर्मा का श्रीजी शरण
तराना (उज्जैन) । स्व.पटेल श्री हरिनारायण जी शर्मा (भगत जी) के सुपुत्र, पटेल मुकेश शर्मा के पूज्य पिताजी पटेल श्री भेरूलाल जी शर्मा का 75 वर्ष की आयु में 21 जुलाई 24 को श्रीजी शरण हो गया। आप अपने पीछे भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं। स्व.पटेल श्री हरिनारायण जी शर्मा के यहां ग्राम बघेरा में जन्मे पटेल श्री भेरूलाल जी शर्मा का पालन-पोषण संयुक्त परिवार स्नेहयुक्त वातावरण में हुआ। अपने स्नेही स्वभाव से उन्होंने इष्टजन, बंधु बांधव और परिवारजन को सदैव अपना बना कर रखा। वे संवेदनशील और कोमलहृदय पर अद्भुत जीवत वाले व्यक्ति थे, जिन्होंने कठिन समय में भी आत्मबल को कम नहीं होने दिया। आपका विवाह शक्कर खेड़ी के पटेल श्री मोहनलाल जी जोशी की सुपुत्री आनंदी देवी (अनीता शर्मा) के साथ हुआ। दायित्वों के बीच भी आप अपने इष्ट ठाकुर जी की सेवा में तत्पर रहते थे। आपने परिवार के अलावा सामाजिक, धार्मिक आदि सभी दायित्यों का निर्वहन पूरी जिम्मेदारी के साथ किया। पगड़ी रस्म में प्रबुद्ध एवं वरिष्ठ समाजजन उपस्थित थे। उत्तरकार्य और पगड़ी में पुत्र मुकेश शर्मा ने आपकी स्मृति में औदीच्य ब्राह्मण धर्मशाला बघेरा को 5100 रुपए, उज्जैन में 3100 रुपए, ओंकारेश्वर में 2100 रुपए, गोशाला में 2100 रुपए, बालाजी धाम बघेरा में 1100 रुपए, ऋण मुक्तेश्वर महादेव शाही सवारी बघेरा में 1100 रुपए, औदीच्य समाज पेपर देवास को 500 रुपए की सहयोग राशि प्रदान की।
औदीच्य महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री हेमशंकर जी दीक्षित का देवलोक गमन
उदयपुर। अखिल भारतीय औदीच्य महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री हेमशंकर जी दीक्षित का देवलोक गमन हो गया है। आप शासकीय सेवा में रहते हुए भी समाज के कार्यों में आजीवन सक्रिय रहे। मंदिरों के निर्माण में भी आपका योगदान रहा है। आपके परिवार में पत्नी के अलावा एक पुत्र और चार पुत्रियां हैं।
23 अगस्त 1938 को श्री हेमशंकर जी दीक्षित जन्म प्रकांड ज्योतिषी श्री अम्बालाल जी दीक्षित और श्रीमती पन्ना बाई के घर ज्येष्ठ पुत्र के रूप में हुआ। आपके तीन अनुज श्री बृजमोहन जी, श्री जगदीश जी, श्री नरेश जी और तीन बहनें श्रीमती गिरीश, श्रीमती निर्मला और श्रीमती निर्मला हैं। श्री दीक्षित का विवाह श्री शिवशंकर जी व्यास की सुपुत्री कैलाशी देवी के साथ 25 मई 1958 को हुआ। आपके एक पुत्र श्री पुनीत प्रकाश व चार पुत्रियां श्रीमती रेखा, श्रीमती अलका, श्रीमती अनुपमा और श्रीमती भावना हैं। आपकी प्रारंभिक शिक्षा फतह स्कूल और लम्बरदार स्कूल में हुई। बाद में आपने विद्याभवन रूरल इंस्टीट्यूट से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया।
श्री हेमशंकर जी दीक्षित का सम्पूर्ण जीवन उपलब्धियों से परिपूर्ण रहा। शासकीय सेवा में रहते हुए आपने सोम कमला आम्बा नहर, नेहरू उद्यान, राजस्थान विद्यापीठ का बी.एड. कॉलेज आदि जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं में भूमिका निभाई। साथ ही अपने तकनीकी कौशल का लाभ समाज व बाहरी व्यक्तियों को निशुल्क सेवा के रूप में दिया। जीवन की दूसरी पारी में आपने कई समाजोपयोगी कार्य किए। 1996 से 2000 एवं 2003 से 2013 तक सहस्त्र औदीच्य ब्राह्मण समाज अध्यक्ष रहे। इस अवधि में आपका समाज को अविस्मरणीय योगदान रहा। इस दौरान समाज में चार बार सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार, दो बार परिचय सम्मेलन के आयोजन हुए। अपने दूरगामी दृष्टिकोण का परिचय देते हुए और समाज को एकीकृत करते हुए आपने सेक्टर 14 में भूखंड आवंटन, नवीन धर्मशाला एवं देवचंद्रेश्वर देवालय का निर्माण तथा वहां विधिवत प्राण-प्रतिष्ठा करवा का महत्वपूर्ण योगदान दिया
औदीच्य ब्राह्मण समाज के ऐसे गौरव श्री हेमशंकर जी दीक्षित का स्वर्गारोहण परिवार के साथ पूरे औदीच्य ब्राह्मण समाज की अपूरणीय क्षति है, जिसकी भरपायी संभव नहीं है। अखिल भारतीय औदीच्य महासभा श्री दीक्षित जी को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करती है।
श्री घनश्याम जी जोशी का देव लोक गमन
-शोक बैठक मंदसौर स्थित निज निवास पर
मंदसौर। श्री हरिशंकर जी जोशी के अनुज, श्री हरिनारायण जी के बड़े भाई साहब और राघवेंद्र के पूज्य पिताजी श्री घनश्याम जी जोशी (पिपल्या मंडी वाले) का देवलोकगमन 21 फरवरी 2024 को हो गया है। आप शैलेंद्र, महेश, वीरेंद्र, जितेंद्र, दिनेश, अखिलेश, रविंद्र, अनिल के काका सा. एवं विवेक, विनय के बड़े पापा थे। मंदसौर में हुए अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में समाज जन-गणमान्य नागरिक सम्मिलित हुए और मृतात्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। उठावना 22 फरवरी 2024 शाम 4:00 बजे उनके निज निवास मंगलम विहार किटियानी, मंदसौर में रखा गया। स्व. घनश्याम जी जोशी की आत्मीय शांति के लिए शोक बैठक निज निवास 69, मंगलम विहार किटियानी, मंदसौर में रखी है। शोक बैठक में प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।
शोकाकुल जोशी परिवार (पिपल्या मंडी वाले)
मो.नं. 98272-20226, 94254-41795
श्रीमती प्रमिला दुबे का देवलोक गमन
उज्जैन। श्री शैलेश दुबे, श्री शिरीष दुबे की पूज्य माताजी और श्री अनिल पंड्या (देवास) की सासूजी श्रीमती प्रमिला दुबे (पत्नी स्व. श्री ठाकुरलाल जी दुबे) का देवलोक गमन रविवार 5 नवंबर 23 को हो गया है। आप अभिषेक, अमितेश, अनुज दुबे की दादीजी तथा अंशुल पंड्या की नानीजी थीं। अंतिम यात्रा स्वनिवास नाईगली, अवंतिपुरा, उज्जैन से 5 नवंबर दोपहर 12.30 बजे निकलेगी। अंतिम संस्कार चक्रतीर्थ पर किया जाएगा।
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श्री सुरेन्द्र प्रकाश जी रावल का स्वर्गवास
इंदौर। स्व. रामचंद्र जी रावल, स्व. ओमप्रकाश जी रावल (पूर्व शिक्षा मंत्री, मध्य प्रदेश), स्व. नरेंद्र प्रकाश जी रावल के अनुज, श्रीमती कृष्णा रावल के देवर, मिलिंद रावल के पूज्य पिताजी, डॉ. असीम रावल (यूएसए) के चाचा जी और सौम्य रावल के दादाजी श्री सुरेन्द्र प्रकाश जी रावल का स्वर्गवास 3 अक्तूबर 2023 को हो गया है। अंतिम यात्रा 4 अक्तूबर 2023 को सुबह 10 बजे निज निवास- 15 B, स्कीम नंबर 7, सेक्टर C, बजाज जी पैलेस, परस्पर गार्डन के सामने, इंदौर से निकलेगी। अंतिम संस्कार पंचकुइया मुक्तिधाम पर होगा।
श्रीमती उषा आचार्य का देहावसान
इंदौर। स्व. श्री गोविन्द आचार्य (पूर्व महामंत्री औदीच्य महासभा और मुकुंदराम त्रिवेदी छात्रावास) की धर्मपत्नी और श्री आशीष आचार्य की पूज्य माताजी श्रीमती उषा आचार्य का देहावसान 23 सितंबर को हो गया है। अंतिम यात्रा 291, साकेत नगर, इंदौर स्थित निवास से शाम 4.30 पर निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में समाजजन और गणमान्य नागरिक शामिल हुए। अंतिम संस्कार तिलक नगर मुक्तिधाम पर किया गया। अंतिम संस्कार के बाद सभी उपस्थितों ने मृतात्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
श्री दीपसिंह जी मेहता का देवलोक गमन
उज्जैन। प्रतिभावान राष्ट्रीय खिलाड़ी, राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त और औदीच्य ब्राह्मण समाज, शाजापुर के वरिष्ठ सदस्य श्री दीपसिंह जी मेहता का देहावसान 1 सितंबर2023 को प्रातः हो गया है। आप श्री दानिश मेहता और विवेक मेहता जी के पूज्य पिताजी थे। अंतिम यात्रा उनके उज्जैन स्थित निवास 207, शिवांश वेली कॉलोनी, देवास रोड, उज्जैन से दोपहर साढ़े 12 बजे निकाली जाएगी।
श्री धर्मेन्द्र त्रिवेदी (बड़नगर) का देवलोक गमन
इंदौर। श्री अशोक कुमार त्रिवेदी, शरद त्रिवेदी, पं.प्रद्युम्न त्रिवेदी, पं. लोकेंद्र त्रिवेदी बड़नगर वाले के भ्राता, स्वदेश, उज्जवल, संदेश, सौरभ, उत्कर्ष के काका, स्नेह, शुभ, सार्थक के बड़े पापा एवं रिदम त्रिवेदी के पूज्य पिताजी श्री धर्मेन्द्र त्रिवेदी बड़नगर का स्वर्गवास 29 अगस्त 23 को हो गया है। आप औदीच्य ब्राह्मण समाज के सक्रिय सदस्य थे। वीणा नगर इंदौर से निकली अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में समाजजन और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। सयाजी होटल के पीछे मुक्तिधाम पर अंतिम संस्कार के बाद उपस्थितों ने मृतात्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
श्री कृष्णचंद्र पाठक (शिवगढ़ वाले) का श्रीजी शरण
रतलाम। स्व.गौरीशंकर जी पाठक के सुपुत्र, श्री आनंदीलाल जी पाठक, श्री इन्द्रनारायण जी पाठक के भ्राता, सर्व श्री योगेश, राजेश एवं निलेश पाठक के पिताजी श्री कृष्णचंद्र पाठक (शिवगढ़ वाले) का श्रीजी शरण 19 अगस्त 2023 को हो गया। अंतिम यात्रा आज 19 अगस्त 2023 को सन सिटी कॉलोनी, रतलाम से दोपहर 3:30 बजे निकलेगी।
श्री गोविंद चंद्र शर्मा का गोलोक गमन
इंदौर। अत्यंत दुख के साथ सूचित किया जाता है कि अनिल, आशीष एवं मनीष शर्मा के पिताजी, विनोद, घनश्याम, ललित एवं विवेक शर्मा के भ्राता और राजीव, सर्वेश शर्मा के ताऊजी श्री गोविंद चंद्र शर्मा (सेवानिवृत्त अधिकारी, स्टेट बैंक ऑफ इंदौर) का गोलोक गमन शुक्रवार 07 जुलाई 2023 को हो गया है। अंतिम यात्रा शनिवार 08 जुलाई 2023 को सुबह 11:00 बजे हमारे निवास 3/3, एनआरके रिजेंसी, मनोरमागंज, गीता भवन के पास से तिलक नगर मुक्तिधाम जाएगी।
आयुर्वेद भूषण वैद्यराज श्री हिम्मतलाल जी शर्मा का हरिमिलन
सैलाना। आयुर्वेद चुडामणि नाड़ी वैद्य, चिकित्सक, भिसगाचार्य (एलआईएम) पं. श्री हिम्मतलाल जी शर्मा का प्रभुमिलन 6 अप्रैल 23 को हनुमान जयंती के दिन हुआ। 7 अप्रैल 1949 को स्व.बाबूलाल जी शर्मा और श्रीमती राजकुंवर बाई शर्मा के घर जन्मे श्री हिम्मतलाल जी शर्मा का लालन-पालन ताउजी पं.श्री दुर्गाशंकर जी शर्मा की देखरेख में हुआ। 1970 में अष्टांग आयुर्वेदिक कॉलेज, इंदौर से ‘एल आई एम’ की डिग्री प्राप्त कर आपने सैलाना में श्री शिव आयुर्वेदिक औषधालय आरंभ किया और आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रारंभ की, तब से जीवन पर्यन्त वे यह कार्य करते रहे। नाड़ी देख जटिल रोग की पहचान करने में आपको महारत हासिल थी। यह विद्या उन्होंने इंदौर के प्रख्यात नाड़ी वैद्य श्री रामचंद्र जी राव जमीदार से प्राप्त की। डॉ.शर्मा गरीबों और आदिवासियों के बीच मसीहा के रूप में पहचान रखते थे। 1972 में नगर पालिका, सैलाना में आप भारी बहुमत से पार्षद भी चुने गए और विकास कार्यों में मार्गदर्शन दिया। संयुक्त परिवार में रहकर पति, पिता, पुत्र एवं भाई का कर्तव्य आपने पूरी निष्ठा से निभाया। पांच भाई और एक बहन के अलावा आपके परिवार में दो पुत्र भी चिकित्सा कार्य से जुड़े रहे हैं। बड़े पुत्र स्व.सुनील शर्मा ने बीएचएमएस की डिग्री प्राप्त की थी और छोटे पुत्र डॉ.सुशील शर्मा बीएएमएस की डिग्री प्राप्त कर चिकित्सा सेवाएं दे रहे हैं, साथ ही 20 वर्षों से रतलाम लक्ष्मी औषधि भण्डार संचालित कर रहे हैं। स्व.श्री शर्मा औदीच्य ब्राह्मण समाज, रतलाम के कार्यों में भी लगातार दिलचस्पी लेते रहे, इसी के चलते समाज के जिला उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी उन्हें सौपी गई। आपके पुत्र श्री सुशील शर्मा ने स्व.पिता श्री की स्मृति में औदीच्य बंधु को 1100 रुपए की सहयोग राशि भेंट की है।
श्रीमती कुसुमलता शिकारी का श्री जी शरण
रतलाम। ग्राम खोकरा (सैलाना) निवासी श्री मदनलाल शिकारी की धर्मपत्नी, प्रेमशंकर शिकारी की भाभी, प्रदीप शिकारी की मां और सानिध्य की पूज्य दादीजी एवं बालकृष्ण उपाध्याय (रतलाम) की बड़ी बहन श्रीमती कुसुमलता शिकारी (72) का श्री जी शरण अल्प बीमारी के बाद 16 दिसंबर 22 को हो गया है। वे अपने पीछे बेटे, बेटी, नाती-पोते सहित भरा-पूरा परिवार छोड़ गई हैं। श्रीमती शिकारी सरल स्वभाव की, मिलनसार और धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थीं। सबकी प्रिय श्रीमती शिकारी गांव में बड़ी मम्मी के नाम से लोकप्रिय थीं। द्वादशा कार्यक्रम में बड़ी संख्या में रिश्तेदार, परिवारजन और स्नेहीजन उपस्थित हुए और दिवंगत आत्मा को विनम्र श्रद्धांजलि व्यक्त की। शिकारी परिवार ने श्रीमती कुसुमलता शिकारी की पुण्य स्मृति में विभिन्न धार्मिक स्थलों, गोशाला और रतलाम औदीच्य ब्राह्मण समाज को राशि भेंट की। औदीच्य बंधु पत्रिका को 500 रुपए की सहयोग राशि भी भेंट की है। बहन-बेटी, भानेज, तानेज सहित अन्य महिला-पुरुषों को दिवंगत की स्मृति में 41 पदों का दान स्वरूप वितरण किया गया।
श्रीमती कमलादेवी उपाध्याय का देवलोकगमन
बड़नगर। वरिष्ठ समाजसेवी एवं रिटायर्ड सब इंजीनियर पटेल बालमुकुंद उपाध्याय (सोहड वाले) की धर्मपत्नी, मुकेश उपाध्याय, उमेश उपाध्याय (एडवोकेट), राकेश उपाध्याय की माताजी श्रीमती कमलादेवी उपाध्याय का स्वर्गवास हो गया। आप 71 वर्ष की थीं। अंतिम यात्रा मंगलम परिसर, व्यास कॉलोनी से निकल कर मुक्तिधाम पहुंची। मुखाग्नि पुत्र मुकेश, उमेश, राकेश ने दी। अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, अभिभाषक, समाजजन व प्रबुद्धजन शामिल हुए। शोकसभा में उपस्थितों ने मृतात्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
श्री जगदीश जी शर्मा का श्री जी शरण
खेड़ाखजूरिया (सोनकच्छ) । स्व. हजारीलाल जी के सुपौत्र, शिवनारायण जी के भतीजे, प्रेमनारायण जी के सुपुत्र, राजेश जी के छोटे भाई, पंकज जी के बड़े भाई व पीयूष के पूज्य पिताजी श्री जगदीश जी शर्मा खेड़ाखजुरिया (सोनकच्छ) का आकस्मिक स्वर्गवास 30 अप्रैल 2023 को हो गया है। अंतिम यात्रा 1 मई 2023 को खेड़ाखजूरिया स्थित निज निवास से निकाली गई, जिसमे बड़ी संख्या में समाज जन, मित्र गण और गणमान्य नागरिक शामिल हुए। अंतिम संस्कार के बाद सभी ने मृतात्मा की आत्मिक शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
श्री दिनेश जी शर्मा का देवलोक गमन
शाजापुर। स्वर्गीय श्री हरि शंकर जी शर्मा के सुपुत्र, राम व विकास के पिताजी एवं उमेश व्यास श्री वल्लभ व्यास के बड़े भ्राता श्री दिनेश जी शर्मा (शिक्षक) का आकस्मिक देहांत हो गया है। अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में समाजजन और गणमान्य नागरिक शामिल हुए और मृतात्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
श्री प्रेमनारायण जी रावल का श्रीजी शरण
बोलाई। प्रमोद रावल, ललित रावल के पूजनीय पिताजी, नमन एवं जयंत पूजनीय दादाजी श्री प्रेम नारायण जी रावल का श्रीजी शरण 6 मार्च 2023 को हो गया है। अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में समाजजन और गणमान्य नागरिक शामिल हुए और मृतात्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
डॉ. दिनेश जी जोशी का देवलोक गमन
रतलाम। आयुर्वेद महा सम्मेलन के प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ. दिनेश जी जोशी का 23 फरवरी 2023 गुरुवार को देवलोक गमन हो गया। आप वरिष्ठ पत्रकार शरद जोशी के भाई, संजय जोशी, नीतेश जोशी, अभिजीत जोशी और ईशान जोशी के काका तथा नीलेश शुक्ला के ससुर जी थे। आपकी अंतिम इच्छा को सर्वोपरि मानते हुए परिवार और स्नेहीजनो ने उनकी देह शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, रतलाम को दान की और मृत्यु उपरांत होने वाले समस्त कर्मकाण्ड को भी स्थगित कर दिया गया है। 26 फरवरी को आयोजित श्रृद्धांजलि सभा में बड़ी संख्या में उपस्थित समाजजन और नागरिकों ने मृतात्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
श्रीमती शांताबाई पंड्या का देवलोक गमन
महुडी (बड़नगर) । स्वर्गीय श्री पुरुषोत्तम जी पंड्या (दौलतपुर) महुडी, बड़नगर की धर्मपत्नी एवं प्रकाश जी पंड्या की माताजी श्रीमती शांताबाई पंड्या का स्वर्गवास 1 मार्च 2023 को हो गया है। आप वीरेंद्र की दादी जी थीं। अंतिम यात्रा कला जानकी गोल्ड कॉलोनी मक्सी रोड बाईपास से निकाली गई, जिसमे बड़ी संख्या में समाजजन और गणमान्य नागरिक शामिल हुए। चक्रतीर्थ धाम पर पर अंतिम संस्कार के बाद सभी ने मृतात्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।