बांसवाड़ा। यज्ञ हिंदुओं का सबसे महत्वपूर्ण कर्म है। इससे वातावरण में उपस्थित कीटाणु मरते हैं। घर-परिवार में अशांति दूर होती है। परिवार में सुख-समृद्धि आती है। समाज और विश्व के कल्याण के लिए यज्ञ करना आवश्यक कर्म है। डॉ. युधिष्ठिर त्रिवेदी ने बताया कि गायत्री परिवार, हरिद्वार पिछले चार-पांच सालों से गृहे-गृहे यज्ञ यानी घर-घर में यज्ञ अभियान चला रहा है। पिछले वर्ष अमेरिका, इंग्लैंड और फ़्रांस सहित दुनिया के करीब 24 देशों में 24 लाख से अधिक लोगों ने एक निश्चित दिन यज्ञ किया था। इस वर्ष 23 मई को बुद्ध पूर्णिमा के दिन गायत्री परिवार, शांति कुञ्ज हरिद्वार की ओर से गृहे-गृहे यज्ञ अभियान चलाया गया। इसके तहत गत वर्ष की तरह दुनियाभर के 24 लाख घरों में यज्ञ किया गया। बांसवाडा में करीब 2000 घरों में यज्ञ किया गया। आपने बताया कि यज्ञ का समय प्रातः 7 से 12 तक नियत किया गया। ब्राह्मणों से आग्रह किया गया कि वे गायत्री या कोई और मंत्र के साथ आहूतियां देकर यज्ञ करें।