- देशभर से जुटे 550 अधिक समाजजन
- ओंकारेश्वर धर्मशाला और इंदौर के पंडित मुकुंदराम त्रिवेदी छात्रावास परिसर में नव
निर्माण
- महासभा और औदीच्य बंधु के नए सदस्यों को लेकर नए निर्णय
- महासभा के विभिन्न ट्रस्ट में नए ट्रस्टियों पर भी कार्यकारिणी की स्वीकृति
ओंकारेश्वर। अखिल भारतीय औदीच्य महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 19 जुलाई 2023 को औदीच्य समाज की ओंकारेश्वर धर्मशाला में संपन्न हुई। भगवान ओंकारेश्वर महादेव के सानिध्य और मां नर्मदा के तट पर देश के अलग- अलग राज्यों से जुटे 550 से भी अधिक समाजजन इस आयोजन के साक्षी बने। औदीच्य महासभा के इस आयोजन में राष्ट्रीय अध्यक्ष के द्वारा तय किए गए बिंदुओं का ब्यौरा प्रस्तुत किया गया। औदीच्य बंधु और पंडित मुकुंदराम त्रिवेदी छात्रावास ट्रस्ट में नए ट्रस्टियों की नियुक्ति को भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने स्वीकृत किया। महासभा के मुखपत्र औदीच्य बंधु और महासभा के नए सदस्यों को लेकर लक्ष्य भी निर्धारित किए गए। ओंकारेश्वर धर्मशाला की विस्तार योजना का विवरण साझा किया गया। साथ ही, इंदौर के पंडित मुकुंदराम त्रिवेदी छात्रावास में भी दो नई मंजिल के निर्माण पर सहमति बनी। इस कार्ययोजना के पूरा होने के पश्चात उच्च शिक्षा के लिए इंदौर आने वाली समाज की बालिकाओं के लिए भी रहने की सुविधा हो जाएगी। महासभा के इस आयोजन में मातृ शक्तियों के लिए एक अलग से कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। इसमें भी बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी रही। श्रावण मास के पवित्र अवसर पर महासभा के द्वारा अलग-अलग राज्यों के जिलों का चयन कर बेलपत्र और तुलसी के पौधे भी वितरित किए गए।
महासभा के महामंत्री श्री योगेंद्र जी पांडे ने औदीच्य बंधु से चर्चा में बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शिवनारायण जी पटेल की अध्यक्षता में प्रारंभ हुई बैठक को लेकर पिछले एक माह से व्यापक तैयारियां की जा रही थी। इसी का प्रतिफल है कि इसमें संपूर्ण देश से एवं विभिन्न प्रदेश व जिलों की इकाई से प्रतिनिधि के रूप में सदस्यगण उपस्थित हुए। मंच पर अतिथि के रूप में महासभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री शिवनारायण जी जागीरदार, उपाध्यक्ष श्री मोहनलाल जी जोशी, उपाध्यक्ष श्री शैलेश जी शुक्ल (अहमदाबाद), श्री अभय माधव दवे इंदौर, उपाध्यक्ष श्री सुखबीर जी गौतम, (दिल्ली-हरियाणा) के अतिरिक्त श्रीमती उषा जी व्यास रतलाम, श्री प्रेम नारायण रावल, धार, श्री सुरेंद्र जी चतुर्वेदी मंचासीन थे। आयोजन में औदीच्य समाज के आराध्य देव श्री गोविंद माधव प्रभु जी के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण किया गया।
उपस्थित समाजजनों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शिवनारायण जी पटेल ने सर्वप्रथम भगवान श्री गोविंद माधव के श्रीचरणों में नमन करते हुए उपस्थित समाजजनों का हृदय की गहराइयों से आभार व्यक्त किया। श्री पटेल साहब ने कहा कि यह मेरे लिए हमेशा से सौभाग्य और गर्व का विषय रहा है कि आप सभी के सुझाव, सहयोग और मार्गदर्शन से मैं अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह कर पाता हूं। आज यदि औदीच्य ब्राह्मण महासभा देश के अनेक राज्यों से लेकर विदेशों में भी अपनी पहुंच और प्रभाव को बढ़ा पा रही है, तो इसके पीछे भी महासभा के सभी पदाधिकारियों और कार्यकारिणी के एक-एक सदस्य का अमूल्य योगदान है। महासभा के स्वरूप का विस्तार करते हुए अब कार्यकारिणी सदस्यों की संख्या 500 की जा रही है। साथ ही यह भी लक्ष्य निर्धारित किया जा रहा है कि प्रत्येक कार्यकारिणी सदस्य महासभा के मासिक मुखपत्र औदीच्य बंधु के 05 नए सदस्य बनाएगा। इसी प्रकार प्रत्येक कार्यकारिणी सदस्य को महासभा के 20 नए सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया गया है।
वडताल (गुजरात) में औदीच्य महासभा के संकल्प महोत्सव में हमने 05 संकल्प के साथ समाजसेवा और जागरूकता की शपथ ली थी। इस क्रम में विचार महोत्सव को वड़ताल में मूर्त रूप दिया गया। संस्कार महोत्सव के तहत यज्ञोपवीत का आयोजन उज्जैन में किया था। इसके पश्चात मां नर्मदा के तट और भगवान ओंकारनाथ के आशीर्वाद से इसी जमीन पर शिवशक्ति महायज्ञ का आयोजन भी किया जा चुका है।
श्री पटेल साहब ने उपस्थित समाजजनों से कहा कि मुझे यह बताते हुए बहुत प्रसन्नता हो रही है कि हमारे अगले संकल्प ‘परिवर्तन’ को लेकर भी महासभा ने तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत हम शीघ्र ही युवाओं-महिलाओं के लिए रोजगार प्रशिक्षण और अवसर की उपलब्धता को लेकर एक बड़ा आयोजन करने वाले हैं। पहले चरण में मालवा-निमाड़ के सभी जिलों से युवा प्रतिभाओं का चयन, उनकी रुचि के अनुसार प्रशिक्षण और इसके बाद एक व्यापक रोजगार मेले का आयोजन महासभा कर रही है। श्री पटेल साहब ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए यह भी जानकारी दी कि मुझे आप सभी को यह बताते हुए भी बहुत प्रसन्नता हो रही है कि तकनीकी दौर से कदमताल करते हुए महासभा ने अपनी वेबसाइट भी समाजजनों के लिए शुरू कर दी है। इससे सूचनाएं अब त्वरित गति से समाज जन तक पहुंच रही है। महासभा की इस प्रयास से देश-विदेश के हमारे ऐसे समाजजन, जिनके पास औदीच्य बंधु पहुंचने में असुविधा होती है, वे भी अब समाज की गतिविधियों से लगातार जुड़े रहेंगे। आने वाले दिनों में महासभा की वेबसाइट को और ज्यादा अपडेट किया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक सूचनाओं का समावेश इसमें किया जा सके महासभा का यह विशेष प्रयास है कि वैवाहिक विवरण से जुड़ी जानकारियों को दूरदराज के समाज जनों तक पहुंचाने के लिए वेबसाइट एक प्रभावी माध्यम हो सकती है।
श्री पटेल साहब ने बताया कि महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने दो अन्य प्रस्तावों पर भी अपनी सहमति दी है। औदीच्य बंधु ट्रस्ट का विस्तार करते हुए श्री आशीष जी व्यास को नए ट्रस्टी के रूप सम्मिलित किया गया है। इसी प्रकार पंडित मुकुंद राम त्रिवेदी छात्रावास ट्रस्ट में श्री दिनेश जी ठक्कर, अलवासा और श्री वासुदेव जी रावल, इंदौर की भागीदारी सुनिश्चित की गई है।
महासभा की विस्तार योजनाओं का उल्लेख करते हुए श्री पटेल साहब ने जानकारी दी कि ओंकारेश्वर धर्मशाला के विस्तार क्रम में एक और मंजिल का निर्माण और शीर्ष स्थान पर भगवान परशुराम जी की मूर्ति लगाने की योजना पर भी महासभा लगातार काम कर रही है। महासभा का स्वरूप तेजी से बढ़ता रहे इस लक्ष्य को लेकर कार्यकारिणी सदस्यों की संख्या भी अब बढ़ा दी गई है। महासभा के विस्तार कार्यक्रम के तहत मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र. उत्तरप्रदेश, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और हरियाणा जैसे कुछ राज्यों में नए सदस्यों को शामिल किया गया है। नए सदस्यों को सम्मिलित करने के दौरान औदीच्य परिवारजनों के संदर्भ में अब हम कई नई जानकारियों को भी एक सूत्र में बांधते चले जा रहे हैं, इससे भविष्य में संपर्क और समन्वय स्थापित करने में अधिक सुविधा और तत्परता से लक्ष्यों को पूरा किया जा सकेगा।
श्री पटेल साहब ने उपस्थित सदन से अपने मन की बात कहते हुए यह भी कहा कि हम सभी के मन में एक ईमानदार इच्छा हमेशा से यह रही है कि सामूहिक निर्णय और भागीदारी से समाज हित में लगातार सक्रियता से कार्य किए जाएं। हम सभी के लिए यह बहुत प्रसन्नता का विषय है कि सामूहिक भागीदारी से हमने एक ऐसे कर्तव्य पथ का निर्माण कर लिया है, जिस पर समाज को एक साथ एक दिशा में चलने के लिए सदैव प्रेरित किया जा सकता है। मेरा विश्वास है कि भविष्य में भी इस ‘‘गौरव पथ पर चलते हुए, हम कुछ ऐसे कीर्तिमान बनाएंगे, जो हमारी भावी पीढ़ियों को समाज सेवा के लिए हमेशा शिक्षा देते रहेंगे।’’
अतिथि उद्बोधन में श्री सुरेंद्र जी चतुर्वेदी ने समाज सेवा और राजनीतिक क्षेत्र की व्याख्या करते हुए बताया कि समाज सेवा बहुत कठिन कार्य और लक्ष्य है। उपाध्यक्ष श्री शैलेश जी शुक्ल ने भी समाज सेवा के बारे में प्रकाश डाला। श्री अभय माधव जी दवे ने अपने उद्बोधन में भक्ति तथा गुरु के महत्व को रेखांकित करते हुए ओंकारेश्वर में मां नर्मदा और अध्यात्म को समाज सेवा से जोड़ा। श्रीमती उषा जी व्यास ने मातृ शक्तियों को समाज सेवा से जुड़ने का आग्रह किया। इसी प्रकार दिल्ली-हरियाणा से पधारे श्री गौतम साहब ने सदन के सदस्यों को दिल्ली आने का निमंत्रण दिया। धार से पधारे श्री प्रेम नारायण रावल साहब ने भी समाज में किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्हें और आगे बढ़ाने का आग्रह किया। इसके पश्चात महामंत्री ने सदन में उपस्थित सभी सदस्यों से सुझाव और एजेंडा के बारे में अभिमत जाना। उपस्थित सदस्यों ने अपने सुझाव रखे तथा अध्यक्ष महोदय द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा की। अंत में संपूर्ण सदन ने एजेंडा में उल्लेखित सभी बिंदुओं को हाथ उठाकर एवं ताली बजाकर स्वीकार किया तथा सर्वसम्मति से पुष्टि व अनुमोदन किया।
इसके पूर्व उज्जैन से पधारे पंडित सोहन भट्ट साहब द्वारा स्वस्ति वाचन किया गया। तत्पश्चात स्वागत गीत एवं गोविंद माधव अष्टक का वाचन भी किया गया। मंचासीन अतिथिगण का महामंत्री श्री योगेंद्र जी पांडेय ने दुपट्टे पहनाकर स्वागत किया। सभा में उपस्थित सभी सदस्यगणों एवं मातृ शक्तियों का भी दुपट्टे पहनाकर स्वागत किया गया। महामंत्री द्वारा बैठक के एजेंडा का वाचन किया गया। एजेंडे के सभी बिंदुओं पर अध्यक्ष द्वारा अपने अभिभाषण से सदन को अवगत करवाया गया। इसी क्रम में पौधरोपण हेतु प्रेरित करने के लिए अध्यक्ष महोदय द्वारा विभिन्न शहरों से आए प्रतिनिधियों बेलपत्र, तुलसी आदि पौधों का वितरण कर संकल्प पूरा किया। महासभा द्वारा यह आग्रह भी किया गया कि सभी पौधरोपण के इस महत्वपूर्ण कार्य हेतु आगे आएं एवं अपने गांव-शहर आदि स्थानों पर पौधरोपण कर अपने सामाजिक दायित्व को अनिवार्य रूप से पूरा करें। कार्यक्रम के अंत में महामंत्री श्री योगेंद्र जी पांडेय ने बैठक में उपस्थित समस्त सदस्यों का आभार एवं धन्यवाद प्रकट किया किया।
ओंकारेश्वर औदीच्य ब्राह्मण संगठन धर्मशाला:
श्री शिवनारायण जी पटेल पुनः निर्विरोध अध्यक्ष
ओंकारेश्वर। भोजन अवकाश के पश्चात दूसरे सत्र में ओंकारेश्वर औदीच्य ब्राह्मण संगठन धर्मशाला की वार्षिक साधारण सभा अध्यक्ष माननीय श्री शिवनारायण जी पटेल साहब की अध्यक्षता में प्रारंभ हुई। बैठक में संस्था के पदाधिकारियों समेत समाजजन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सभा का संचालन संगठन के सचिव श्री सुभाष जी पंड्या ने किया।
सर्वप्रथम संस्था के आय-व्यय का वार्षिक विवरण प्रस्तुत किया गया तथा वर्षभर में दानदाताओं द्वारा दी गई दानराशि का वाचन किया गया। इस अवसर पर संस्था द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की गई। सदस्यों द्वारा दिए गए सुझाव पर विचार भी किया गया। संस्था द्वारा किए जा रहे कार्यों तथा वार्षिक आय-व्यय के लेखा-जोखा का सभी सदस्यों ने ताली बजाकर पुष्टि एवं अनुमोदन को स्वीकार किया।
संस्था के अध्यक्ष श्री शिवनारायण जी पटेल साहब का अध्यक्ष के रूप में 03 वर्ष का कार्यकाल समाप्त होने पर अध्यक्ष पद हेतु श्री मोहनलाल जी त्रिवेदी द्वारा पुनः श्री शिवनारायण जी पटेल साहब के नाम का प्रस्ताव रखा गया। उक्त प्रस्ताव का समर्थन श्री शिवनारायण जी जागीरदार साहब, श्री मोहनलाल जी जोशी साहब तथा श्री महेश जी मेहता द्वारा किया गया। सभा में उपस्थित सभी सदस्यों ने ताली बजाकर एवं हाथ खड़े कर अपना समर्थन दिया। सभी सदस्यों ने पुनः अध्यक्ष नियुक्त होने पर श्री शिवनारायण जी पटेल साहब को बधाइयां दीं। अंत में सचिव श्री सुभाष जी पंड्या ने उपस्थित समस्त सामाजिक बंधुओं का आभार व धन्यवाद व्यक्त किया।
ओंकारेश्वर में मातृ शक्तियों का सम्मेलन:
सरकारी योजनाओं और स्वयं सहायता समूह विषय पर हुई गहन चर्चा
ओंकारेश्वर। महिला स्वयं सहायता समूह महिलाओं के समूहों को समर्थन और संसाधन प्रदान करने के उद्देश्य से गठित होते हैं। ये समूह आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक स्तर पर महिलाओं की उन्नति और समृद्धि को प्रोत्साहित करने का माध्यम बनते हैं। इन समूहों का गठन विभिन्न विकास कार्यक्रमों, सरकारी योजनाओं, गैर सरकारी संगठनों या ग्रामीण विकास संगठनों द्वारा किया जा सकता है। महासभा की पहल पर आयोजित हुए इस महिला सम्मेलन में उज्जैन, इंदौर, धार, देवास, भोपाल, मंदसौर, नीमच, रतलाम, झाबुआ के अलावा राजस्थान, गुजरात और दिल्ली से भी बड़ी संख्या में महिलाओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य महिला को आत्मनिर्भर करना एवं अपनी नई पहचान बनाना है। ओंकारेश्वर में एकत्रित हुई मातृ शक्तियों ने महिला स्वयं सहायता समूह की उपयोगिता पर विस्तार से विमर्श किया। सदन में विशेषज्ञों के माध्यम से कुछ उपयोगी जानकारी भी दी गई। इनका बिंदुवार विवरण इस प्रकार है-
आर्थिक स्वायत्तता : महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से, सदस्य महिलाएं समृद्धि और स्वावलंबी बनती हैं। इन समूहों में सदस्यों द्वारा नियमित जमा योगदान और उधारी लेनदेन के माध्यम से उन्हें वित्तीय सामर्थ्य प्राप्त होती है। इसके फलस्वरूप वे अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए बेहतर विकल्पों का सहारा ले सकती हैं।
कौशल विकास : ये समूह अपने सदस्य महिलाओं के कौशल विकास को बढ़ावा देते हैं। वे ट्रेनिंग, कौशल विकास कार्यक्रम और कृषि तकनीकियों के माध्यम से नए कौशल सीख सकती हैं, जो उन्हें रोजगार और उत्पादन के क्षेत्र में मदद कर सकते हैं।
सामाजिक समरसता : महिला स्वयं सहायता समूह सामाजिक समरसता और सदस्यों के बीच भाईचारे को बढ़ावा देते हैं। इन समूहों में मिलजुलकर काम करने से सदस्य महिलाएं अपनी समस्याओं को समझती हैं और उन्हें समाधान के लिए साथ मिलकर काम करती हैं।
समर्थन और संबंध : इन समूहों में सदस्य महिलाएं एक दूसरे का साथ देती हैं और परिवार की समस्याओं का सामना करती हैं। यहां पर समूह के सदस्यों को समर्थन के लिए एक दूसरे का सहारा मिलता है, जिससे उन्हें आत्मविश्वास बढ़ता है। समस्याओं को परिवार और समाज के साथ संघर्ष करने की क्षमता मिलती है।
सरकारी योजनाओं का लाभ : महिला स्वयं सहायता समूह सरकारी योजनाओं के लाभ को पहुंचने में सहायक होते हैं। इन समूहों के माध्यम से सरकार उन्हें विभिन्न योजनाओं के लाभ प्रदान करती है, जिससे महिलाओं को समृद्धि के लिए आवश्यक संसाधन मिलते हैं। सदन ने समान रूप से स्वीकार किया कि महिला स्वयं सहायता समूहों का उपयोग ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में महिलाओं के सशक्तिकरण, सामाजिक उत्थान और आर्थिक स्वायत्तता को बढ़ाने के लिए किया जाना चाहिए। इन समूहों के माध्यम से, औदीच्य समाज की महिलाएं भी सक्रिय भूमिका निभा सकती हैं और अपने जीवन को सकारात्मक रूप से बदल सकती हैं।
मातृ शक्ति की इस बैठक की अध्यक्षता श्रीमती डॉक्टर रीना जी पटेल ने की। श्रीमती डॉक्टर ध्वनि जी शर्मा (पूर्व राष्ट्रीय मंत्री, भारतीय जनता पार्टी) ने रोजगार और शासन द्वारा संचालित योजनाओं जैसे लाडली बहना योजना, महिला कौशल विकास एवं अन्य लाभदायी योजनाओं के बारे में मातृ शक्तियों को जानकारी दी। डॉक्टर उषा जी व्यास ने महिलाओं इच्छाशक्ति और परिणामदायक लगनशीलता पर प्रकाश डाला। डॉक्टर आशा जी ठक्कर ने संगठन की सामूहिक शक्ति के महत्व को प्रतिपादित किया। श्रीमती विजया जी शर्मा औदीच्य बंधु की सदस्य संख्या बढ़ाने के लिए अपने उपयोगी सुझाव साझा किए। श्रीमती यामिनी जी उपाध्याय ने सभी महिला शक्ति का धन्यवाद ज्ञापित किया। श्रीमती अंकिता जी ठाकुर ने स्वयं सहायता समूह के बारे में महत्वपूर्ण बिंदुओं के साथ सदन के ज्ञान में अभिवृद्धि की। श्रीमती मनीषा जी पंड्या ने महिला सशक्तिकरण विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती अनामिका जी पंड्या ने किया। कार्यक्रम के पश्चात मातृ शक्तियों ने नर्मदा जी में स्नान-ध्यान किया और ओंकारेश्वर एवं ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना कर लाभ लिया।
बीएम कॉलेज परिसर में उज्जैन की महिला कार्यकारिणी ने किया पौधरोपण
इंदौर। ओंकारेश्वर में अखिल भारतीय औदीच्य महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भागीदारी करने के लिए उज्जैन से बड़ी संख्या में महिलाओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। उज्जैन से ओंकारेश्वर की यात्रा के बीच इंदौर में अल्प विश्राम का प्रबंध किया गया था। बस और दो स्वयं के वाहन से नानाखेड़ा उज्जैन से इंदौर के बीएम कॉलेज परिसर पहुंची उज्जैन की मातृ शक्तियों का श्री राकेश जी पटेल और श्रीमती रीना जी पटेल द्वारा सम्मान किया गया। इस अवसर पर उज्जैन से आईं सभी महिला सदस्यों के लिए स्वल्पाहार की व्यवस्था की गई थी। बीएम कॉलेज परिसर पहुंची उज्जैन महिला कार्यकारिणी द्वारा पौधारोपण भी किया गया। इस अवसर पर मातृशक्ति श्रीमती ऋचा जी पाठक, श्रीमती अमिता जी पांडे, श्रीमती कविता जी पंड्या, श्रीमती विजया जी शर्मा, श्रीमती चेतना जी शर्मा, श्रीमती सुषमा जी व्यास, श्रीमती कनुप्रिया जी उपाध्याय, श्रीमती सीमा जी पांडे, श्रीमती रत्ना जी भट्ट, श्रीमती रेखा जी पंड्या, श्रीमती वीणा जी व्यास, श्रीमती ललिता जी जोशी, श्रीमती किरण जी गौर आदि उपस्थित रहीं। उज्जैन टीम के द्वारा पदाधिकारियों द्वारा इस तीर्थ यात्रा एवं वन विहार का आयोजन किया गया था। जिसमें उज्जैन नगर की मातृशक्तियों ने भाग लिया।