-श्री राकेश पटेल जी ने बताया राम भक्ति और सेवा का महत्व

मांगलिया (इंदौर) । समस्त मांगलिया ग्राम वासियों के कल्याण एवं सुख-समृद्धि की कामना के साथ हनुमान जयंती महोत्सव का आयोजन ग्राम के अति प्राचीन और आस्था के केंद्र श्री खेड़ापति हनुमान मंदिर परिसर में भव्यता एवं दिव्यता के साथ किया गया। अंजनी के लाल और राम भक्त हनुमान जी के प्राकट्य दिवस पर पूरे ग्राम में उल्लास, श्रद्धा और भक्ति का वातावरण बना रहा। इस अवसर पर प्रातः काल से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी और दिनभर धार्मिक आयोजन होते रहे।

 

श्री रामायण मित्र मंडल एवं औदीच्य ब्राह्मण समाज के तत्वावधान में आयोजित इस पावन अवसर पर प्रातः 6 बजे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान हनुमान जी का राजोपचार, पंचामृत स्नान, फल-रस अभिषेक एवं दिव्य श्रृंगार किया गया। इसके पश्चात श्रद्धापूर्वक भगवान को छप्पन भोग अर्पित किए गए तथा भव्य महाआरती हुई। इस आयोजन की विशेष बात यह रही कि पूजन एवं अभिषेक के सभी अनुष्ठान समाज के विद्वान ब्राह्मणों पंडित कैलाश मेहता, पंडित गणेश महाराज, पंडित कान्हा एवं पंडित हिमांशु शर्मा द्वारा संपन्न कराए गए।

 

समाज के वरिष्ठ जनों की गरिमामयी उपस्थिति

पूरे आयोजन में ग्राम के वरिष्ठजनों एवं महिलाओं की उल्लेखनीय सहभागिता रही। सभी श्रद्धालुओं ने विधिपूर्वक पूजन कर हनुमान जी से अपने जीवन में बल, बुद्धि, विद्या और विजय की कामना की। औदीच्य ब्राह्मण समाज के वरिष्ठ समाजसेवी श्री राकेश जी पटेल ने औदीच्य बंधु को बताया कि “हनुमानजी केवल एक शक्ति के प्रतीक नहीं, अपितु समर्पण, सेवा, साहस और विवेक की जीवंत मूर्ति हैं। आज के समय में जब समाज अनेक विघटनकारी शक्तियों से जूझ रहा है, तब हनुमानजी की भक्ति और उनके जीवन मूल्यों को अपनाना अत्यंत आवश्यक है। रामकथा के हर चरण में हनुमानजी की भूमिका एक मार्गदर्शक, सेवक और रक्षक के रूप में रही है। हनुमानजी ने न केवल भगवान श्री राम की सेवा की, बल्कि उन्होंने समाज के लिए, धर्म के लिए और सच्चे न्याय के लिए सदैव समर्पण भाव से कार्य किया।”

 

सैकड़ों श्रद्धालुओं ने लिया प्रसाद

महाआरती के उपरांत छप्पन भोग का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान भी भक्ति गीतों व रामधुन के साथ वातावरण को भक्तिमय बनाए रखा गया। गांव के निवासियों ने इस आयोजन को मांगलिया की धार्मिक संस्कृति का प्रतीक बताया। सभी ने यह अनुभव साझा किया कि वर्षों बाद इतने भव्य और दिव्य रूप में हनुमान जयंती मनाई गई है। श्री रामायण मित्र मंडल के सदस्यों ने भी आयोजन को सफल बनाने में भरपूर मेहनत की और पूरी श्रद्धा के साथ मंदिर की सजावट, भोग की व्यवस्था और भक्तों के लिए बैठक  व्यवस्था संभाली।