खरगोन। सहस्त्र औदिच्य ब्राह्मण समाज, खरगोन के दो दिनी ब्रह्मसूत्रोत्सव व के तहत 8 जून को कुंदा तट स्थित श्री रामद्वारा मंदिर में सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार का आयोजन हुआ। इसमें समाज के 17 बटुकों का उपनयन संस्कार हुआ। वैदिक मंत्रोच्चार व अनुष्ठान के बाद बटुकों को जनेऊ धारण करवाया गया। बटुकों ने गुरु के आदेश पर वही शिक्षा ग्रहण करने का संकल्प लिया।
आयोजन में विशेष रूप से उपस्थित चतुर्भुज श्री राम मंदिर मांडवगढ़ (धार) के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर श्री नरसिंह दास जी महाराज ने यज्ञोपवीत व संस्कार का महत्व बताते हुए कहा हम अपने कर्मों को अपने संस्कार पालन में लगा रहे हैं। ब्रह्म समाज में मनुष्य का दूसरा जन्म या प्रगतिवान बनाने का कर्म यज्ञोपवीत संस्कार है। जनेऊ केवल सूत का धागा नहीं है बल्कि यह ब्रह्मा, विष्णु व महेश की कृपा है, जो आप पर बनी रहेगी। आज से नियमित मां गायत्री का स्मरण करेंगे। अपनी मां में मां गायत्री का स्वरूप देखकर उनका मान-सम्मान करेंगे तो जीवन में कभी भी गृहदोष, नक्षत्र दोष, ग्रहण दोष या किसी भौतिक विपत्ति का सामना नहीं करना पड़ेगा। समाज अध्यक्ष सुभाष ठक्कर, जयंत ठक्कर, नीरज ठक्कर ने बताया संस्कार से पहले बटुकों का मुंडन करवाया गया। विधिपूर्वक भगवान गणेश सहित देवताओं का पूजन हुआ। गायत्री मंत्र की दीक्षा देने के बाद बटुकों ने भिक्षा लेकर गुरु को अर्पण की। इसके बाद आचार्य ने उनके कानों में गुरु मंत्र दिया। आचार्य जगदीश ठक्कर व अन्य गुरुजनों ने उपनयन संस्कार संपन्न ने करवाया। सामुहिक उपनयन संस्कार में गुजरात,खरगोन,बड़वानी,कुक्षी,छनेरा, देपालपुर के 17 बटुक शामिल हुए।
इस दौरान महंत श्री जीवन दास जी महाराज पीपलदागड़ी, पं. महेंद्र शर्मा मांडव एवं इस्कॉन मंदिर खरगोन के महंत श्री एवं खरगोन समाज के सुरेंद्र ठक्कर, अनिल ठक्कर, राजू ठक्कर,कैलाश जोशी, मुकेश ठक्कर, अमित ठक्कर, विजय दवे, श्रीमती रेखा ठक्कर, राजेंद्र व्यास,जगदीश जोशी,संजय गणपति ठक्कर,नवीन जोशी,राजेश ठक्कर ,अजय एम ठक्कर, अजय व्यास, हर्ष ठक्कर, अनुपम ठक्कर, चिंटू जोशी, सीमांत शर्मा, पूर्वा व्यास, मयंक ठक्कर,कबीर ठक्कर,संजय ठक्कर, भावेश ठक्कर, नितेश मंडलोई, शुभम व्यास, विशाल शर्मा एवं इंदौर, उज्जैन, खंडवा, बुरहानपुर, नेपानगर, राजपुर सहित सम्पूर्ण निमाड़ के औदीच्य ब्राह्मण समाज के पदाधिकारी सहित बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित थे।