* शोक में डूबे देशभर के समाजजन,

* पैतृक ग्राम मांगलिया में किया गया अंतिम संस्कार,

* एक स्‍वर में बोले समाज बंधु – उनका योगदान अमर रहेगा

* वरिष्ठजनों ने कहा – अब उनके सपनों और संकल्पों को मिलकर पूरा करेंगे

मांगलिया (इंदौर)। औदीच्य ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, बी.एम. कॉलेज समूह के चेयरमैन और ग्राम पंचायत मांगलिया के पूर्व सरपंच श्री शिवनारायण जी पटेल का स्वर्गवास हो गया है। पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे पटेल साहब ने बुधवार देर रात इंदौर में अंतिम सांस ली। अंतिम संस्कार गुरुवार को पैतृक ग्राम मांगलिया में किया गया।

गुरुवार सुबह 10 बजे उनके मांगलिया स्थित निवास से अंतिम यात्रा निकाली गई। अंतिम यात्रा में समाजजन, शिक्षा और प्रशासन से जुड़े गणमान्य जन सहित सैकड़ों लोग शामिल हुए। मुखाग्नि बड़े पुत्र श्री राकेश पटेल ने दी। अंतिम संस्कार के बाद आयोजित शोकसभा में वक्ताओं ने श्री पटेल साहब के स्वर्गवास पर गहन शोक व्यक्त किया और परिजन को इस वज्रपात को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की। अनेक वक्ताओं ने श्री पटेल साहब के साथ के संस्मरण भी साझा किए।

शोकसभा में सर्वप्रथम श्री सुभाष जी शर्मा ने उदगार रखते हुए कहा कि सार्वजनिक महत्व के कामों में सहयोग करने के लिए वे सदैव तत्पर रहते थे। सिद्धांतप्रिय होने से उनकी कार्यशैली को लेकर कुछ विरोध के स्वर भी उठे लेकिन उन्होंने किसी की परवाह नहीं की। समाज की प्रतिष्ठा को देशभर में स्थापित करने के लिए श्री पटेल साहब को सदैव याद किया जाएगा।

पूर्व आईएएस और प्रदेश के पूर्व सूचना आयुक्त श्री हीरालाल जी त्रिवेदी ने कहा कि श्री पटेल साहब ने समाज को भरपूर दिया लेकिन कभी किसी से अपेक्षा नहीं की। उनके कार्यों को युगों तक याद रखा जाएगा। श्री केदार जी पंड्या का कहना था कि पटेल परिवार ने समाज सेवा के लिए ही जन्म लिया है। परिवार में सभी सदस्य सेवा भावी हैं। उन्होंने इंदौर औदीच्य समाज की ओर से श्रद्धासुमन अर्पित किए।

विभिन्न स्थानों से आए समाज जन ने शोकसभा में अपनी बात रखी। उज्जैन के श्री कैलाश रावल ने श्री पटेल साहब को अपना आध्यात्मिक गुरु बताते हुए कहा कि उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला। महिदपुर के श्री स्वस्तिक ठाकुर ने कहा कि हाल ही में श्री पटेल साहब ने किसानों को शिक्षित करने के लिए विभिन्न विवि का दौरा कराने का निर्णय लिया था। लेकिन खराब स्वास्थ्य के चलते उस पर आगे काम नहीं हो सका। बडनगर के श्री पंड्या जी ने भी संस्मरण सुनाए। पूर्व एसडीएम श्री रमेशचन्द्र पंड्या ने कहा कि परिवार में सभी की कार्यशैली अलग हो सकती है लेकिन सभी का उद्देश्य एक ही है समाज को आगे बढ़ाना। देवास से समाज के वरिष्ठ सदस्य श्री किशोर पंड्या ने कहा कि श्री पटेल साहब की हार्दिक इच्छा थी ओंकारेश्वर में भगवान श्री परशुराम जी की प्रतिमा स्थापित की जाए। पूर्व अध्यक्ष श्री सत्यनारायण जी पटेल ने भी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। बी.एम. कॉलेज के पूर्व प्राचार्य श्री शैलेश जी त्रिवेदी ने कहा श्री पटेल साहब ने पूरे स्टाफ को पिता तुल्य स्नेह दिया। उनके नेतृत्व में समूह ने खूब तरक्की की। औदीच्य बंधु के संपादकीय सलाहकार डॉ. आशीष व्यास ने कहा कि पत्रिका को बेहतर बनाने के लिए वे लगातार सोचते थे। इस अवसर पर हम सभी को उनके अधूरे कार्यों को पूरा करने का संकल्प लेना चाहिए।

अंत में पूर्व मंत्री और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री शिवनारायण जी जागीरदार ने संबोधित करते हुए कहा-श्री पटेल साहब कर्मयोगी थे, उन्होंने समाज के लिए बहुत काम किया है। श्री पटेल साहब के करीबी रहे श्री जागीरदार अपनी बात रखते समय भावुक हो गए। शोकसभा का संचालन एडवोकेट श्री योगेन्द्र जी पंड्या ने किया। अंत में दो मिनट का मौन रख कर सभी उपस्थितों ने मृतात्मा की शान्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। 

72 वर्षीय श्री पटेल साहब की धर्म-कर्म में विशेष रुचि थी। अनुशासन प्रिय, सिद्धांतों को लेकर अडिग और सेवाभावी श्री पटेल साहब ने औदीच्य ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यभार संभालने के बाद समाज को संगठित करने के उद्देश्य से अनेक कदम उठाए। विभिन्न राज्यों में समाज के प्रतिनिधि नियुक्त किए। उज्जैन में संस्कार महोत्सव में समाज के 140 से अधिक बटुकों का निशुल्क उपनयन संस्कार जैसे काम से उन्हें भरपूर प्रशंसा मिली। भगवान शिव के परम भक्त श्री पटेल साहब ने हाल ही में ओंकारेश्वर में नर्मदा किनारे समाज जन के लिए निशुल्क शिव-शक्ति महायज्ञ का आयोजन भी किया। समाज की विभिन्न धर्मशालाओं के विकास में भी उन्होंने गहन रुचि ली। समाज के कार्यक्रमों में वे आजीवन सक्रिय रूप से सहभागिता करते रहे। शिक्षा को लेकर श्री पटेल साहब बेहद संजीदा थे। स्वयं एमए, एलएलबी तक शिक्षा ग्रहण करने के बाद अपने बच्चों को भी उच्च शिक्षा ग्रहण करवाई। उनके तीनों बेटे श्री राकेश जी, श्री योगेश जी और श्री मनीष जी उच्च शिक्षित होकर अपनी जिम्मेदारियां निभा रहे हैं। शिक्षा के प्रति लगाव के चलते ही उन्होंने इंदौर में बी.एम. कॉलेज समूह की स्थापना की जहां विभिन्न संकायों में सैकड़ों विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

औदीच्य बन्धु परिवार भी अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि व्यक्त करता है।