परिवार किसी भी समाज की सबसे छोटी और महत्वपूर्ण इकाई होती है। यह केवल खून के रिश्तों से नहीं, बल्कि भावनात्मक जुड़ावसहयोग और परस्पर प्रेम से निर्मित होता है। परिवार न केवल व्यक्ति को सुरक्षा और समर्थन प्रदान करता हैबल्कि उसे नैतिकतासंस्कृति और परंपराओं से भी परिचित कराता है। आइएइस विश्व परिवार दिवस पर हम सब संकल्प लें कि अपने परिवार के साथ अधिक समय बिताएंगे और एक-दूसरे का सहयोग करते हुए समाज को भी मजबूत बनाएंगे।

 

भावनात्मक सुरक्षा :
परिवार अपने सदस्यों को मानसिक और भावनात्मक सहारा देता है। कठिन समय में परिवार ही वह स्थान होता हैजहां व्यक्ति सहारा और प्रेरणा पाता है।

सामाजिक मूल्यों की शिक्षा :
परिवार से ही बच्चों को सही-गलत की पहचान होती है और वे समाज में अच्छे नागरिक बनने की दिशा में बढ़ते हैं।

आर्थिक सहयोग:

संयुक्त परिवार प्रणाली में विशेष रूप से आर्थिक संसाधनों का आपसी सहयोग देखने को मिलता है। यह परिवार की स्थिरता और समृद्धि में सहायक होता है।

संस्कृति और परंपराओं का संवहन: 

परिवार पीढ़ी-दर-पीढ़ी सांस्कृतिक और पारंपरिक धरोहर को आगे बढ़ाने का कार्य करता है।

समय के साथ परिवारों की संरचना और उनकी भूमिकाएं भी बदल रही हैं। पारंपरिक संयुक्त परिवारों की जगह अब एकल परिवारों का चलन बढ़ रहा है। बदलती जीवनशैली और रोजगार की आवश्यकताएं जैसी वजहों से परिवार की परिभाषा भी विस्तारित हो रही है।

 

संयुक्त परिवार से एकल परिवार की ओर :
पहले जहां परिवार बड़े होते थेअब छोटे होते जा रहे हैं। यह बदलाव नौकरीशिक्षा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के चलते आया है।

तकनीक और परिवार :
आज डिजिटल युग में परिवारों के आपसी संबंध भी प्रभावित हुए हैं। मोबाइल फोनसोशल मीडिया और अन्य तकनीकी साधनों ने जहां एक ओर संपर्क बनाए रखा हैवहीं प्रत्यक्ष बातचीत और सामूहिक समय बिताने की प्रवृत्ति में कमी आई है।

कार्य-जीवन संतुलन:

आजकल माता-पिता दोनों ही कामकाजी होते हैं, जिससे पारिवारिक जीवन प्रभावित हो रहा है। बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल एक चुनौती बन गई है।

विश्व परिवार दिवस का मुख्य उद्देश्य परिवारों से संबंधित मुद्दों को उजागर करना और उनके समाधान की दिशा में काम करना है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि परिवार के भीतर प्रेम, सहयोग और एकता को बढ़ावा देना आवश्यक है।

परिवार को समय देने की प्रेरणा :
यह दिन हमें याद दिलाता है कि व्यस्त जीवनशैली के बावजूद हमें अपने परिवार के साथ समय बिताना चाहिए।

सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता :
यह दिवस समाज में पारिवारिक हिंसाबच्चों की शिक्षाबुजुर्गों की देखभाल और लैंगिक समानता जैसे मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने का कार्य करता है।

नीतियों का निर्माण :

सरकारें और सामाजिक संस्थाएं इस अवसर पर परिवारों के कल्याण के लिए नई नीतियां बनाने और लागू करने पर विचार करती हैं।

आज जरूरत इस बात की है कि परिवार के सदस्यों के बीच खुलकर बातचीत हो ताकि सभी एक-दूसरे की भावनाओं और विचारों को समझ सकें। महत्वपूर्ण निर्णयों में सभी सदस्यों की राय शामिल करना चाहिए। परिवार के साथ खाने के समय, छुट्टियों और मनोरंजन के अवसरों को प्राथमिकता देना चाहिए। बच्चों को नैतिकता, ईमानदारी और परोपकार के मूल्यों की शिक्षा देनी चाहिए। डिजिटल उपकरणों के अति प्रयोग से बचते हुए पारिवारिक संबंधों को प्राथमिकता देनी चाहिए। वस्तुत: विश्व परिवार दिवस हमें यह संदेश देता है कि परिवार केवल खून के रिश्तों से नहीं, बल्कि प्रेम, सम्मान और सहयोग से बनता है। एक सशक्त परिवार ही एक सशक्त समाज और राष्ट्र का निर्माण कर सकता है। इसलिए, हमें अपने परिवार को समय देना चाहिए, उनके साथ स्वस्थ संबंध बनाए रखने चाहिए, और पारिवारिक मूल्यों को संजोना चाहिए।